छठ पूजा पुत्रवती स्त्रियों द्वारा अपने पुत्रों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार जीवन के महत्व, कृतज्ञता और आस्था का भी प्रतीक है। छठ पूजा की कई पौराणिक कथाएँ प्रचलित हैं।
छठ पूजा की कहानी
1. छठी मैय्या की कहानी
एक समय एक गरीब ग्वालिन थी। उसका नाम छठी था। वह एक पतिव्रता स्त्री थी और अपने पति से बहुत प्यार करती थी। एक दिन, छठी के पति की मृत्यु हो गई। छठी बहुत दुखी हुई और उसने अपने पति को पुनर्जीवित करने के लिए कठोर तपस्या की। छठी की तपस्या से प्रसन्न होकर सूर्य देव ने उसे दर्शन दिए और उसे वरदान दिया कि उसका पति पुनर्जीवित हो जाएगा।
छठी के पति को पुनर्जीवित होने के बाद, वह छठी के साथ बहुत खुशी-खुशी रहने लगे। छठी ने सूर्य देव और छठी मैय्या की पूजा करना शुरू किया और उनसे अपने सभी भक्तों की भलाई करने की प्रार्थना की। छठी मैय्या ने छठी की प्रार्थना स्वीकार की और छठ पूजा की शुरुआत की।
2. धनिया की कहानी
एक समय एक स्त्री थी जिसका नाम धनिया था। धनिया एक पतिव्रता स्त्री थी और उसे अपनी संतान की बहुत चिंता थी। वह हमेशा प्रार्थना करती थी कि भगवान उसे एक पुत्र दे। एक दिन, धनिया ने छठी मैय्या की पूजा की और उनसे पुत्र प्राप्ति का वरदान मांगा। छठी मैय्या ने धनिया की प्रार्थना स्वीकार की और उसे एक पुत्र दिया। धनिया ने अपने पुत्र का नाम छठ रखा।
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3. द्रौपदी की कहानी
महाभारत काल में, द्रौपदी ने छठ पूजा की थी। वह पांडवों की पत्नी थी और उन्हें अपने पति और पुत्रों की सुरक्षा की चिंता थी। उसने छठी मैय्या की पूजा की और उनसे अपने पति और पुत्रों की सुरक्षा की प्रार्थना की। छठी मैय्या ने द्रौपदी की प्रार्थना स्वीकार की और पांडवों को युद्ध में विजय दिलाई।
4. कर्ण की कहानी
महाभारत काल में, कर्ण सूर्य देव का पुत्र था। वह एक पराक्रमी योद्धा था, लेकिन वह एक दलित था। उसे अपने जन्म के बारे में पता नहीं था। एक दिन, कर्ण ने छठ पूजा की थी। उसने छठी मैय्या से अपने जन्म के बारे में पूछा। छठी मैय्या ने कर्ण को बताया कि वह सूर्य देव का पुत्र है।
5. भगवान राम की कहानी
रामायण काल में, भगवान राम और उनकी पत्नी सीता ने छठ पूजा की थी। वे 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौट रहे थे। उन्होंने छठी मैय्या की पूजा की और उनसे अपनी वापसी की खुशी मनाई। छठी मैय्या ने भगवान राम और सीता की पूजा से प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद दिया।
ये छठ पूजा की कुछ प्रसिद्ध कहानियाँ हैं। ये कहानियाँ छठ पूजा के महत्व और इसके पीछे की आध्यात्मिकता को दर्शाती हैं।
छठ पूजा का इतिहास
छठ पूजा का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। इस त्योहार का उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है। छठ पूजा का मुख्य उद्देश्य सूर्य देव और छठी मैय्या की पूजा करना है। सूर्य देव को जीवन का स्रोत माना जाता है और छठी मैय्या को सूर्य देव की बहन और पुत्रवती स्त्रियों की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है।
छठ पूजा के बारे में कई पौराणिक कथाएँ प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार, छठी मैय्या एक पतिव्रता स्त्री थीं जिनके पति की मृत्यु हो गई थी। छठी मैय्या ने कठोर तपस्या करके अपने पति को पुनर्जीवित कर लिया था। इस कथा के आधार पर, छठ पूजा को पुत्रवती स्त्रियों की पुत्र प्राप्ति की कामना के लिए भी मनाया जाता है।
छठ पूजा मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में मनाया जाता है। यह त्योहार चार दिनों तक चलता है। पहले दिन, नहाय खाय के दिन, श्रद्धालु स्नान करके नए कपड़े पहनते हैं और सात्विक भोजन करते हैं। दूसरे दिन, खरना के दिन, श्रद्धालु कठिन उपवास रखते हैं और खिचड़ी का भोजन करते हैं। तीसरे दिन, डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। चौथे दिन, उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।
छठ पूजा एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो सूर्य देव और छठी मैय्या की आराधना के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार जीवन के महत्व, कृतज्ञता और आस्था का प्रतीक है।
FAQ
Q: छठ माता किसकी पत्नी है?
A: छठ माता कार्तिकेय की पत्नी हैं। कार्तिकेय भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं। छठ माता को षष्ठी देवी के रूप में भी जाना जाता है, जो प्रकृति की छठवीं शक्ति हैं।
Q: सूर्य और छठी मैया में क्या संबंध है?
A: सूर्य और छठी मैया भाई-बहन हैं। सूर्य देव भगवान विष्णु के अंशावतार हैं और छठी मैया भगवान ब्रह्मा की मानस पुत्री हैं। छठी मैया को सूर्य देव की बहन होने के कारण सूर्य देव की शक्ति और आशीर्वाद प्राप्त है।
Q: छठ पूजा का नियम क्या है?
A: छठ पूजा एक चार दिवसीय व्रत है। इस व्रत में महिलाएं सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करती हैं। व्रत के दौरान महिलाएं निम्नलिखित नियमों का पालन करती हैं:
वे पूरे चार दिनों तक उपवास रखती हैं।
वे केवल फलों और सब्जियों का सेवन करती हैं।
वे नहाने और शौच के लिए भी केवल साफ पानी का उपयोग करती हैं।
वे दिन में सोती नहीं हैं।
Q: बिहार में छठ पूजा क्यों मनाया जाता है?
A: बिहार में छठ पूजा का बहुत महत्व है। यह त्योहार बिहार के लोगों के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। छठ पूजा बिहार के किसानों के लिए भी एक महत्वपूर्ण त्योहार है। वे इस त्योहार के अवसर पर भगवान सूर्य से फसलों की अच्छी पैदावार के लिए प्रार्थना करते हैं।
Q: क्या मुसलमान छठ पूजा मनाते हैं?
A: हां, बिहार में कुछ मुसलमान भी छठ पूजा मनाते हैं। वे छठ पूजा के सभी नियमों का पालन करते हैं और सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करते हैं। वे मानते हैं कि छठ पूजा एक आध्यात्मिक त्योहार है और यह सभी धर्मों के लोगों के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है।
