अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम श्लोक लिरिक्स हिन्दी और संस्कृत मै
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम।
कौन कहता हे भगवान आते नहीं,
तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं।
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम।
कौन कहता है भगवान खाते नहीं,
बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं।
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम।
कौन कहता है भगवान सोते नहीं,
माँ यशोदा के जैसे सुलाते नहीं।
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम।
कौन कहता है भगवान नाचते नहीं,
गोपियों की तरह तुम नचाते नहीं।
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम।
नाम जपते चलो काम करते चलो,
हर समय कृष्ण का ध्यान करते चलो।
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम।
याद आएगी उनको कभी ना कभी,
कृष्ण दर्शन तो देंगे कभी ना कभी।
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम।
FAQ
Question:- क्या अच्युतम केशवम एक मंत्र है?
Answer:- हाँ, अच्युतम केशवम एक मंत्र है। यह भगवान विष्णु का एक स्तुति मंत्र है। यह मंत्र भगवान विष्णु की अच्युत यानी अविनाशी और केशव यानी सर्वव्यापी होने की महिमा का वर्णन करता है।
Question:- अच्युतष्टकम किसने लिखा था?
Answer:- अच्युतष्टकम भगवान शंकराचार्य द्वारा लिखा गया था। यह एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान विष्णु की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र आठ श्लोकों में विभाजित है, इसलिए इसका नाम अच्युतष्टकम पड़ा।
Question:- वल्लभम का अर्थ क्या है?
Answer:- वल्लभम का अर्थ "प्रियतम" या "प्रिय" होता है। यह शब्द भगवान कृष्ण के लिए एक विशेषण के रूप में प्रयोग किया जाता है। भगवान कृष्ण को अक्सर "वल्लभ" कहा जाता है क्योंकि वे अपने भक्तों के लिए बहुत प्रिय हैं।